आँखें जो देख रही थीं
दूर कहीं वीराने में
अचानक ही पलकें मिलते ही
अश्रुओं से सराबोर हो उठीं
ठिठक के बैठ गयी तब गोरी
दामन जब भीग नमकीन हो गया
वफ़ा के तराजू पर जब प्रेम को तौली
साजन का पलड़ा हल्का पड़ गया
कह के गया था साजन उसका
वो लौट के वापस आयेगा
वो आँखें बिछाये बैठी थी
किसी दिन तो चाँद आएगा
आये तो बस गर्म लू के थपेड़े
आयीं तो बस आंधी वर्षा
और फिर आयीं बर्फीली हवाएं
वो आँखें बिछाये बैठी थी
पूनम का चाँद तो आयेगा
जो पूरी न हो, वो आस नहीं
ReplyDeleteजो मिटे नहीं, वो प्यास नहीं
जो थम जाए, वो श्वास नहीं
जो टूटे, वो विश्वास नहीं
इसलिए...
कह दो उससे, वो निराश न हो
दिल छोटा न करे, उदास न हो
गर देखा है उसने सपना
चाँद मिलेगा उसको अपना
जीवन जीने का आनंद
तब और भी बढ़ जायेगा
लू, आंधी, वर्षा के बाद
पूनम का चाँद जब आयेगा
हाँ, वो अवश्य ही आयेगा
संग इन्द्रधनुष भी लाएगा
क्यूंकि जीवन है एक चक्र
कभी सीधा चले, कभी वक्र
Amazing stuff !! The comment that follows is also equally amazing !! Tum to khatarnak Kaviyatri ho !!
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